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इस जग में कैसे रहे-मेरी एक कविता
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अच्छी नियत सकून की गारंटी है
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यही स्वर्ग है यही नरक है
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कर्म आजादी पाने की पहली सीढी है
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अच्छी भावनाओं से ही सुख मिलता है
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सब्र रखो सब ठीक हो जाएगा
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जैसा आपका मन है यह दुनिया आपके लिए वेसी ही है यही मैजिक है कि जिसके लिए आप जैसा सोचते हो अक्सर धीरे-धीरे वह आदमी आपको वैसा ही दिखने लग जाता है