बड़ी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई,बड़े परिवार से होना या साधन संपन्न होना से भी बड़ी चीज है नियत। नियत अच्छी नहीं होने पर न केवल आप को दुर्भाग्यशाली होते हैं बल्कि हर समय किसी न किसी को अपना मालिक बना कर रखना पड़ता है तनाव में रहना पड़ता है गलत आदतें अपने आप लग जाती है आपका स्वभाव दीन-हीन से क्रूरता तक जितने लेवल तक आपकी नियत खराब है वहां तक पहुंचा देती है मानव होने का सुख आपको नहीं मिल सकता पाशविक सुख मिल भी जाए तो थोड़ी देर का ही होता है।
जिसकी नियत अच्छी नहीं है वह जब चाहे बदल सकता है शर्त यही है कि सच्चा पश्चाताप हो आपकी आंखों में पश्चाताप के आंसू हो आपके चेहरे पर एवं मन में आत्मा में अच्छी नियत अपनाने की दृढ़ता अपने आप दुनिया को दिखने लग जाती है और वह सारे सुख मिलने लग जाते हैं।
सुख भी कई प्रकार के होते हैं इज्जत का सुख धन का सुख शारीरिक सुख स्वस्थता का सुख पारिवारिक सुख आदि आदि और इन सभी सुखों को प्राप्त करने के लिए इन सभी पर आपको मेहनत करनी होती है।
अच्छी नियत साधनहीन को साधन संपन्न बना देती है बस आप में धैर्य लगन, कड़ी मेहनत, विजन,ग्रुप में काम करना आना व समय पर उचित निर्णय लेना आना चाहिए जितने लेवल के यह सब आप में हैं उतने लेवल की सफलता सुनिश्चित है।
ग्रुप में काम करना आना बहुत जरूरी है इसके लिए सबसे पहले न्यायिक सोच ग्रुप में सभी की भावनाओं को उचित स्थान प्रदान करना ट्रांसपरंट रहना मिठास के साथ बोलना भय रहित ओपन कम्युनिकेशन रहना एक दूसरे की सुनना समझना किसी की भी उचित बात को तुरंत समर्थन देना एवं कम से कम एक अच्छे मानवीय कमिटमेंट पर काम करना आना चाहिए।
हम में से ही किसी की बहुत इज्जत होती है और किसी को कोई नहीं या बहुत लिमिटेड लोग पसंद करते हैं इसका मुख्य कारण उपरोक्त में से ही है आइए हम सब अच्छी नियत की तरफ अग्रसर करें और अपने माइंड सेट को समझाएं