1☺. आयकर छापे का मुख्य उद्देश्य आयकर की चोरी को पकड़ना है आयकर की चोरी को रोकना है आयकर का छापा पड़ने का मुख्य कारण इन में से एक है
a. धारा 131(1) या 142(1) में आए नोटिस का विधिवत रुप से पालन नहीं करना। मतलब जवाब नहीं देना या संतुष्टि पूर्ण रूप से जवाब नहीं देना।
b. आयकर अधिकारी को यह विश्वास हो की निर्धारिती के पास अघोषित आय, संपत्ति, ज्वेलरी आदि कम से कम एक करोड है।
2. इसलिए जब भी आयकर का छापा पड़ता है एक व्यक्ति को निम्न चीजों का सामना करना पड़ता है
a. उसके पास जीतने भी लूज पेपर पड़े हैं उन पर लिखे हुए रकमो का हिसाब देना। इंसान का एक स्वाभाविक स्वभाव होता है जितने भी लूज पेपर पड़े होते हैं वह सोचता है कि यह कभी मेरे काम आएंगे। मेरे 30 साल की प्रेक्टिस में मैंने पाया है कि वह सिर्फ उसके खुद के तकलीफ देने के अलावा कोई काम नहीं आता। उसके कारण मानसिक तनाव आर्थिक हानि समय का नुकसान के इलावा कुछ भी हाथ नहीं आता। समझदारी इसी में है कि रोज के रोज लुज़ पेपर को देखकर समझ कर फाड़ देना। कई बार इंसान सोचता है कि यह पेपर बिल्कुल सही है मैं इसका जवाब दे सकता हूं लेकिन मित्रों ज्यादा समय बीत जाने के बाद हमको याद नहीं आता कि यह पेपर किस काम का था और उसमें उसका संबंध खाता बही से दिखाना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
b. इसलिए समझदार व्यक्ति अपने सीऐ को भी कह कर रखता है कि जब आप ऑडिट करें तो मेंरे स्टाफ के पास कितने लूज पेपर्स या रजिस्टर या डायरी पड़े हैं उसका भी रिपोर्ट देवे। विशेष तौर पर अकाउंटेंट चौकीदार स्टोर कीपर सेल्स मैन प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट खरीद विभाग प्रोडक्शन विभाग आदि में। रोज़ की रोज़ पेपर फाड़ना रोज़ की रोज़ अकाउंट्स को लिखना रोज़ की रोज़ हिसाब मिलाना अत्यावश्यक है इसकी तो नियम बना ले इसका नियम से पालन भी करें।
c. आपके पास जितनी भी ज्वैलरी पड़ी है उसका समय-समय पर निरीक्षण करके वैल्यूएशन करवाना इसके लिए आयकर विभाग का एक सर्कुलर भी निकला हुआ है जिसके अनुसार घर की प्रत्येक शादीशुदा महिला के लिए 500 ग्राम प्रत्येक अविवाहित महिला के लिए लड़की के ढाई सौ ग्राम तथा प्रत्येक पुरुष या बच्चे का 100 ग्राम ज्वैलरी तक कुछ भी नहीं पूछा जाएगा और यह माना जाएगा यह घोषित है अगर आपको उससे ज्यादा की ज्वैलरी घोषित सिद्ध करनी है तो सभी प्रकार की ज्वैलरी के बिल, उसके भुगतान की रसीद, उसका भुगतान करने का सबूत उस समय की बैंक स्टेटमेंट या बैंक की पासबुक की कॉपी आपके पास होना बहुत आवश्यक है।
d. रोज़ की रोज़ अपने बिजनेस वाली फर्मों के अकाउंटस को तो लिखना आवश्यक है ही अपनी व्यक्तिगत खाता बही को भी रोज की रोज लिखाने की आदत डालें इसके लिए अपने अकाउंटेंट को कहे तथा अपनी ऑडिट वाली टीम को भी कहे की इसकी भी रिपोर्ट देवे।
e. अपने कंप्यूटर को भी महीने में कम से कम एक बार चेक करने की आदत डालें। व्यर्थ की फाइलों को हटाए व्यर्थ के हिसाब को भी हटाए समय-समय पर प्रॉपर फॉर्मेट कराएं सही ढंग से फॉर्मेट करने का तरीका सीख ले व्यर्थ की पेन ड्राइव फ्लॉपी आदि ना रखें समय-समय पर इनको भी चेक करना सीख लें अगर कोई कंप्यूटर पुराना हो गया हो और काम नहीं आ रहा तो उसको बेच दे।
f. अपने परिवार में भी समय-समय पर सारी अलमारीयों को चेक करें व्यर्थ के पेपर व्यर्थ के पेन ड्राइव आदि वहां से भी हटा दें याद रखें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है जिसके ऊपर गुजरती है वही जानता है कि यह कितनी बड़ी और समझदारी की राय है अगर समय पर नहीं समझे तो बहुत बड़ी कीमत दे कर ही इसको समझना पड़ता है।
g. मित्रों जब भी आप कोई मूल्यवान संपति खरीदें जैसे कार ज्वेलरी चांदी सोफा जमीन या जायदाद आदि तो उसका बिल वह भुगतान करने का सबूत बैंक पासबुक या स्टेटमेंट एवं जिसको भुगतान किया है उसकी रसीद एक अलग फाइल में डालने की आदत डाल दे उस फाइल में चाहे 10 साल पुराना भी बिल हो उसी में पड़ा रहने दे जब भी आयकर का छापा पड़ता है तो हर संपत्ति का जवाब देना पड़ता है अगर कोई संपति 6 साल पहले से खरीदी हुई है तो उसका कोई हिसाब नहीं देना पड़ता लेकिन यह साबित करना पड़ता है की इसे 6 साल पहले खरीदा गया था इसलिए बिल बहुत आवश्यक है कोई कारण से बिल नहीं मिल रहा है तो अन्य सबूत जैसे नगर निगम की कोई रसीद ।
h. इसी प्रकार से आपने कोई आयकर चुकाया है तो उसके चालान की प्रति को एक फाइल में डाले आयकर विभाग आपसे 15 साल पुराना या इससे भी ज्यादा पुराना डिमांड का नोटिस दे सकता है क्योंकि कोई समय सीमा नहीं है अगर आपके पास इसके भुगतान की चालान नहीं है तो आपको मय ब्याज के उसको भरना पड़ेगा।
i. अगर आप किसी फर्म में पार्टनर है या डायरेक्टर है और अब आपका उससे संबंध कोई कारण से हट गया है तो आप तुरंत उस से ऑफिशियली अलग हो जाएं। कारण की अगर उसके छापा पड़ेगा तो आप पर भी छापा पड़ेगा। ध्यान रहे ज्यादातर पूरे ग्रुप पर छापा पड़ता है और विभाग इस बात का ध्यान नहीं रखता कि अभी आप उस में एक्टिव नहीं। है। इसलिए आप जिस जिस में पार्टनर है या डायरेक्टर है तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए उस फर्म ने समय पर आयकर का विवरण भर दिया है तथा आयकर चुका दिया है। उस फर्म की आयकर विवरण, बैलेंस सीट, प्रॉफिट एंड लॉस एकाउंट, उस में विद्यमान खाते की कॉपी आदि अपने पास समय समय पर लेकर रखे।
j. अपने घर पर अनाधिकृत रुप से ब्लू फिल्म या शराब आदि नहीं रखे। जब भी आयकर कर का छापा पड़ता है तो विभाग इस का भी ध्यान रखता है और आप को व्यर्थ कानूनी पचड़े में पड़ना पड़ता है।
3. अब कुछ बातें आप के अधिकार के संबंधित
a. आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं छापा मारने वालों के आई कार्ड को मांगकर देख कर जांच कर की छापा मारने वाले आयकर अधिकारी ही है ।
b. आप सर्च वारंट भी देख सकते हैं।
c. शुरू में आप उनकी भी तलाशी ले सकते हैं।
d. महिलाओं की जांच केवल महिला अधिकारी ही कर सकती है
e. अगर आपको बीमारी से संबंधित कोई प्रॉब्लम खड़ी हो गई है तो आप को यह अधिकार है कि आप डॉक्टर को बुलाएं इससे आपको कोई नहीं रोक सकता।
f. बच्चे समय पर स्कूल जा सकते हैं।
g. आप आयकर अधिकारी को समुचित व्यव्हार करने के लिए टोक सकते हैं।
h. जो भी ज्वैलरी जब्त की जाती है उसकी एक प्रॉपर लिस्ट बनाई जाती है उसको एक या अधिक बॉक्स में सील किया जाता है इस समय आप कृपया ध्यान रखें कि उनको सही ढंग से रखा जा रहा है या नहीं। आपको अधिकार है कि आप कहें कि इनको ठीक ढंग से रखें।
i. ज्वेलरी का जब मूल्यांकन किया जाता है उस समय अगर वह ज्वैलरी आपकी नहीं है है तो आप स्पष्ट कर सकते हैं और अगर आपको ध्यान रहे जिस आदमी की ज्वेलरी है उसका नाम बता सकते हैं
j. जब भी ज्वैलरी की मूल्यांकन होती है उसमें आप सावधानी बरतें उस समय अगर आप के बयान भी लिए जा रहे हैं तो आप उनको निवेदन कर दें कि एक बार मूल्यांकन का काम हो जाए उसके बाद बयान जारी रख सकते हैं
k. जो ज्वैलरी जब्त की गई है उसके ऊपर आप भी हस्ताक्षर या अपनी कोई सील लगा सकते हैं
4. क्या-क्या जब्त किया जा सकता है
a. अघोषित रोकड़, ज्वेलरी, लॉकर, प्रोमिजरी नोट्स, चेक्स, ड्राफ्ट आदि
b. बुक्स ऑफ एकाउंट्स डायरी लूज पेपर रजिस्टर
c. कंप्यूटर हार्ड डिस्क पेन ड्राइव फ्लॉपी आदि HB
d. संपत्ति से संबंधित कागजात आदि
5. क्या-क्या नहीं जब्त किया जा सकता
a. प्रत्येक शादीशुदा महिलाओं पर 500 ग्राम अविवाहित पर 250 bग्राम मेल सदस्य के लिए 100 ग्राम तक की ज्वैलरी
b. स्थाई संपत्ति जैसे की घर जायदाद या ऑफिस या फैक्ट्री
c. स्टॉक जो की व्यवस VHाय के संबंधित है
d. वह संपत्ति जो घोषित है आयकर विवरण में या बुक्स ऑफ एकाउंट्स में या वेल्थ टैक्स के रिटर्न में☺